Posts

Showing posts from December, 2022

about orbital/aaphbau'law of Chemirstry in Hindi language from basic for all exam./10th/10+2th class

Image
click here for Biology   ➤ कक्षक ( Orbital )- Electron जब कक्षा में चक्कर लगाते है तो एलेक्ट्रोन्स की संख्या अधिकता के कारण वहां धुंधले बादल के समान सरचना बन जाती है जिसे कक्षक कहते है।  कक्षक की संख्या उपकक्षा में इलेक्ट्रोन्स की संख्या की आधी रहती है।  कक्षक को बक्सा द्वारा दिखाई जाती है। प्रत्येक कक्षक ( बक्सा ) में इलेक्ट्रोन्स की संख्या अधिकतम दो हो सकती है।  ➤ आफ बाऊ के नियम -  यह जर्मन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है सरचना या निर्माण करना।  तत्वों को उनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में सजाने के लिए आफ बाऊ का नियम लगाना होता है।  By Prashant

about orbit/shell/sub-orbit/sub-shell in Hindi language from basic for all exam./10th/10+2th class

Image
  click here for Biology ➤ कक्षा ( Orbit ) या कोष ( Shell )- नाभिक के बाहर electron जिस वृतीय पथ पर चक्कर लगता है उस पथ को ही कक्षा कहते है।  कक्षा को K, L, M, N द्वारा दिखाते है।  बोरबरी के अनुसार किसी कक्षा में अधिकतम Electron 2n² होंगे, जहां n कक्षा की संख्या हैं।  कक्षा का नाम=  K,      L,      M,     N  कक्षा संख्या, n = 1, n = 2, n = 3, n = 4  अधिकतम e, 2,      8,         18,      32 ➤उपकक्षा ( sub orbit/ sub shell )- कक्षा को जब वृस्तित रूप से गहन अध्ययन किया गया तो उसके अंदर अलग-अलग आकृति के चार उप कक्षाय मिली जिन्हे s, p, d, f नाम दिया गया। इन उप कक्षाओ की खोज सोमर फील्ड नामक विद्वान ने किया।  ➨ s- उपकक्षा  - इसकी सरचना गोल होती है। इसमें अधिकतम 2e आ सकते है।  ➨p - उपकक्षा  - इसका आकार डमरू/डमबल के समान होता है। इसमें अधिकतम 6e आते हैं।  ➨ d - उपकक्षा  - इसकी सरचना डबल डमरू जैसा होते है। इसमें अधिकतम 10e आ सकते है किन्तु 4e एव 9e रह सकते है। यदि ऐसा हुआ तो वे अस्थाई हो जायेगे।  ➨ f- उपकक्षा-   इसकी सरचना बहुत जटिल होती है। इसमें 5 डमरू/डमबल पाए जाते है। इसमें अधिकतम 14e रह सकत

about some-electronic/Iso-electronic/Isotopes/use of isotopes/Isobar/Isotone of Chemirstry in Hindi language from basic fro all exam./10th/10+2th class

Image
click here for Biology   ➤Some electronic या Iso-electronic- वैसे तत्व या यौगिक जिनमे एलेक्ट्रोन्स की संख्या सामान्य रहती है सम इलेक्ट्रॉनिक कहलाते है।  जैसे-  ₁₁Na + ,   ₁₂Mg +² ,   ₁₃Al +³  , ₁₀Ne     , CH₄          e = 10 ,    e = 10 ,      e = 10 ,    e = 10 ,    e = 10 ➤ सम स्थानिक ( Isotopes )- वैसे पदार्थ जिनमे प्रोटोन्स की संख्या अथार्त परमाणु क्रमांक सामान्य रहता है किन्तु परमाणु भार अलग-अलग रहता है उन्हें सम स्थानिक कहते हैं।  नोट- सम-स्थानिक बनने का सबसे मुख्य कारण न्युट्रोन्स की संख्या में भिनंता है। न्युट्रोन्स की संख्या भिंन होने के कारण परमाणु भार भी बदलने लगते हैं।  ➨ सर्वाधिक सम-स्थानिक पोलोनियम के (27) होते है।  जैसे-  ₆C¹²  ,₆C¹⁴  ,₁₇Cl³⁴  ,₁₇Cl³⁵    n = 6 ,  n = 8 ,  n = 17  ,  n =18 ➨ Hydrogen  के तीन सम-स्थानिक होते हैं- ₁H¹  = प्रोटियम  ( n =0 ) ₁H²  = ड्यूटेरियम ( n = 1 ) ₁H³  = ट्राइटियम ( n = 2)  ट्राइटियम Radioactive होता है जबकि ड्यूटेरियम से भारी जल बनाया जाता हैं।  ➨ सम-स्थानिक के उपयोग - 1) C¹⁴ का प्रयोग जीवाश्मों की आयु निकाले के लिए करते है।  2) U²³⁵ का