Posts

about orbital/aaphbau'law of Chemirstry in Hindi language from basic for all exam./10th/10+2th class

Image
click here for Biology   ➤ कक्षक ( Orbital )- Electron जब कक्षा में चक्कर लगाते है तो एलेक्ट्रोन्स की संख्या अधिकता के कारण वहां धुंधले बादल के समान सरचना बन जाती है जिसे कक्षक कहते है।  कक्षक की संख्या उपकक्षा में इलेक्ट्रोन्स की संख्या की आधी रहती है।  कक्षक को बक्सा द्वारा दिखाई जाती है। प्रत्येक कक्षक ( बक्सा ) में इलेक्ट्रोन्स की संख्या अधिकतम दो हो सकती है।  ➤ आफ बाऊ के नियम -  यह जर्मन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है सरचना या निर्माण करना।  तत्वों को उनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में सजाने के लिए आफ बाऊ का नियम लगाना होता है।  By Prashant

about orbit/shell/sub-orbit/sub-shell in Hindi language from basic for all exam./10th/10+2th class

Image
  click here for Biology ➤ कक्षा ( Orbit ) या कोष ( Shell )- नाभिक के बाहर electron जिस वृतीय पथ पर चक्कर लगता है उस पथ को ही कक्षा कहते है।  कक्षा को K, L, M, N द्वारा दिखाते है।  बोरबरी के अनुसार किसी कक्षा में अधिकतम Electron 2n² होंगे, जहां n कक्षा की संख्या हैं।  कक्षा का नाम=  K,      L,      M,     N  कक्षा संख्या, n = 1, n = 2, n = 3, n = 4  अधिकतम e, 2,      8,         18,      32 ➤उपकक्षा ( sub orbit/ sub shell )- कक्षा को जब वृस्तित रूप से गहन अध्ययन किया गया तो उसके अंदर अलग-अलग आकृति के चार उप कक्षाय मिली जिन्हे s, p, d, f नाम दिया गया। इन उप कक्षाओ की खोज सोमर फील्ड नामक विद्वान ने किया।  ➨ s- उपकक्षा  - इसकी सरचना गोल होती है। इसमें अधिकतम 2e आ सकते है।  ➨p - उपकक्षा  - इसका आकार डमरू/डमबल के समान होता है। इसमें अधिकतम 6e आते हैं।  ➨ d - उपकक्षा  - इसकी सरचना डबल डमरू जैसा होते है। इसमें अधिकतम 10e आ सकते है किन्तु 4e एव 9e रह सकते है। यदि ऐसा हुआ तो वे अस्थाई हो जायेगे।  ➨ f- उपकक्षा-   इसकी सरचना बहुत जटिल होती है। इसमें 5 डमरू/डमबल पाए जाते है। इसमें अधिकतम 14e रह सकत

about some-electronic/Iso-electronic/Isotopes/use of isotopes/Isobar/Isotone of Chemirstry in Hindi language from basic fro all exam./10th/10+2th class

Image
click here for Biology   ➤Some electronic या Iso-electronic- वैसे तत्व या यौगिक जिनमे एलेक्ट्रोन्स की संख्या सामान्य रहती है सम इलेक्ट्रॉनिक कहलाते है।  जैसे-  ₁₁Na + ,   ₁₂Mg +² ,   ₁₃Al +³  , ₁₀Ne     , CH₄          e = 10 ,    e = 10 ,      e = 10 ,    e = 10 ,    e = 10 ➤ सम स्थानिक ( Isotopes )- वैसे पदार्थ जिनमे प्रोटोन्स की संख्या अथार्त परमाणु क्रमांक सामान्य रहता है किन्तु परमाणु भार अलग-अलग रहता है उन्हें सम स्थानिक कहते हैं।  नोट- सम-स्थानिक बनने का सबसे मुख्य कारण न्युट्रोन्स की संख्या में भिनंता है। न्युट्रोन्स की संख्या भिंन होने के कारण परमाणु भार भी बदलने लगते हैं।  ➨ सर्वाधिक सम-स्थानिक पोलोनियम के (27) होते है।  जैसे-  ₆C¹²  ,₆C¹⁴  ,₁₇Cl³⁴  ,₁₇Cl³⁵    n = 6 ,  n = 8 ,  n = 17  ,  n =18 ➨ Hydrogen  के तीन सम-स्थानिक होते हैं- ₁H¹  = प्रोटियम  ( n =0 ) ₁H²  = ड्यूटेरियम ( n = 1 ) ₁H³  = ट्राइटियम ( n = 2)  ट्राइटियम Radioactive होता है जबकि ड्यूटेरियम से भारी जल बनाया जाता हैं।  ➨ सम-स्थानिक के उपयोग - 1) C¹⁴ का प्रयोग जीवाश्मों की आयु निकाले के लिए करते है।  2) U²³⁵ का

about atomic number/ions/atomic mass number of Chemirstry of Hindi language from basic for all exam./10th/10+2th class

Image
 Sub.- Chemirstry click here for biology परमाणु क्रमांक या संख्या ( Atomic number )- इसकी खोज मोस्ले ने किया था। इसे Z से दिखाते है। परमाणु क्रमांक नाभिक में उपस्थित Protons की संख्या को दर्शाता है। परमाणु क्रमांक एक पूर्णाक संख्या हैं।  किसी परमाणु में सामान्यतः electron और proton समान रहते है किन्तु electrons की संख्या कभी भी परमाणु संख्या नहीं हो सकती क्योकि electron घटते-बढ़ते रहते हैं।  परमाणु संख्या = Proton ( Z = P ) ₂₀Ca⁴⁰        ₈O¹⁶       ₁₇Cl³⁴  Z = 20 ,     Z = 8 ,     Z = 17  P = 20 ,     P = 8 ,      P = 17  E = 20 ,     E = 8 ,     E = 17  ➤आयन -  एलेक्ट्रोन्स के आदान-प्रदान के कारण परमाणु पर उतपन्न हुआ आवेश आयन कहलाता हैं।  यह दो प्रकार का होता है- 1) घनायन - यह एलेक्ट्रोन्स के त्याग करने के कारण बनता है। इसमें एलेक्ट्रोन्स की संख्या सामान्य स्थिति से कम रहती हैं।  2) ऋणायण - यह एलेक्ट्रोन्स के ग्रहण करने के कारण बनता हैं। इसमें एलेक्ट्रोन्स सामान्य स्थिति से अधिक रहती हैं।  ₁₇Cl¯      ₁₃Al+³      ₈O¯² Z = 17 ,   Z = 13 ,  Z = 8  P = 17 ,   P = 13 ,   P = 8  E = 18 ,   E

about atomic mass unit/amu/electron/proton/neutron/anti-particles in Hindi language from basic for all exam./10th/10+2th class

Image
 Sub.- Chemirstry click here for physics Atomic Mass Unit (amu )- amu कार्बन के द्रव्यमान के बारहवे भाग को दर्शाता है। यह किसी तत्व के द्रव्यमान के तुलना करने के काम में आता है।  1 amu = 1.66 🗙 10¯²⁷ kg होता हैं।  ➤Electron- इसकी खोज J.J. थॉमसन ने किया था। इसे कैथोड किरण भी कहते है। जब कैथोड किरणों को उच्च अणु भार वाले धातु से टकराते है तो x-किरणे निकलती है।  इलेक्ट्रान का आवेश = -1.6 🗙 10 ¯¹⁹ columb  इलेक्ट्रान का निरपेक्ष ( absolute mass )= 9.1 🗙 10 ¯³¹ kg  इलेक्ट्रॉन का सापेक्ष द्रव्यमान ( Relative mass )= 0.00054 amu  नोट-  इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान हाइड्रोजन या प्रोटोन के तुलना में 1 ➗ 1837 /40  ➤Proton- यह नाभिक में पाया जाता है।  इसकी खोज गोल्डस्टीन ने किया जबकि इसका नामकरण रदर फोर्ड ने किया।  प्रोटोन का निरपेक्ष द्रव्यमान = 1.6725 🗙 10 ¯²⁷ kg  प्रोटोन का सापेक्ष द्रव्यमान = 1.0072 amu  प्रोटोन का आवेश = ➕ 1.6 🗙 10 ¯¹⁹ columb  नोट-  इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन पर आवेश समान होता है किन्तु प्रकृति एक दूसरे के विपरीत होती है।  एलेक्ट्रोन की ऊर्जा ऋणात्मक होती है जबकि प्रोटॉन की ऊर्जा घन

about J.J. thamsom/Maxwell's law/bor-bari model/electron/proton/neutron of chemirstry in Hindi language from basic for all exam./10th/10+2th class

Image
 Sub.- Chemirstry परमाणु Model - परमाणु मॉडल पर विभिंन वैज्ञानिकने अपना मत रखा हैं।  1) J. J. थामसम Model- इनके अनुसार परमाणु का आकार तरबूज के समान होता है और उसका लाल वाला भाग प्रोटोन को दर्शाता है और तरबूज के बीज इलेक्ट्रान को दर्शाता है किन्तु इस Model में नाभिक की चर्चा नहीं की गई और प्रोटोन की सही स्थिति को नहीं दिखाया गया।  2) रदर फोड के आल्फा प्रकिरण प्रयोग - रदर फोड ने रेडियम से अल्फा किरणों को निकाला और उसे सोने की एक पतली चादर पर बैछार कराया और निम्नलिखित विश्लेसन किया - A ) अधिक अल्फा किरणे परमाणु को पार करके बाहर निकल गई जिससे यह पाता चलता है की परमाणु का अधिक भाग खोखला है।  B ) कुछ अल्फा किरणे परमाणु के मध्य भाग से थोड़ा बिचलित (तिरछा ) होकर निकल गई। जिससे यह मालूम चलता है की परमाणु का बिच वाला भाग घनात्मक है क्योकि अल्फा किरण घनात्मक रहती है।  C ) 20 हजार में से एक अल्फा किरण परमाणु के मध्य भाग से टकराकर वापस लौट गई जिससे यह मालूम चलता है की परमाणु का मध्य भाग ठोस है। इस ठोस भाग को रदर फोड ने नाभिक कहा।  ➨रदर फोड ने बताया की परमाणु के नाभिक में प्रोटोन होता है और इलेक्ट्रा

about atom/electron/proton/neutron/nucleus etc of chemirstry from basic in Hindi language for all exam./10th/10+2th class

Image
  click here for Biology Subject- Chemirstry परमाणु सिद्धांत या सरचना - प्रत्येक पदार्थ की रचना छोटे-छोटे कणो से मिलकर हुई है, जिन्हे हम परमाणु कहते है।  सर्वप्रथम परमाणु सिद्धांत कर्नाड नामक विद्वान ने दिया। परमाणु सरचना की विस्तृत जानकारी जॉन डालटन ने दिया। इन्होने पदार्थ का सबसे छोटा कण Atom को बताया और कहा की Atom को तोरा नहीं जा सकता।  आधुनिक खोज के बाद परमाणु ( Atom ), इलेक्ट्रान, प्रोटोन, न्यूट्रॉन, मेसान, 𝝰- मेसान, पॉजिट्रॉन आदि में तोर दिया गया अथार्त डालटन का सिद्धांत गलत हो गया।  ➤ मौलिक या मूल कण - पदार्थ जिस छोटे-छोटे कण का बना होता है उसे मौलिक कण कहते है।  यह दो प्रकार का होता हैं-  1) स्थाई मौलिक कण - इसके अंतर्गत इलेक्ट्रान, प्रोटोन,तथा न्यूट्रॉन आते हैं। यह स्थाई रूप से परमाणु में रहते हैं।  2) अस्थाई मौलिक कण - ये निष्चित रूप से परमाणु में नहीं रहते है। इसके अंतर्गत पॉजिट्रॉन, मेसान, न्यूट्रियनो आदि आते है।  नोट - न्यूट्रॉन स्थाई कण है किन्तु यह अस्थाई कण का गुण दर्शाता है और हाइड्रोजन में नहीं पाया जाता हैं।  ➨ इलेक्ट्रान नाभिक के बाहर चक्कर लगाता है जबकि नाभिक के